लड़का जहां थोड़ी बड़ी उम्र वाले कस्बाई संस्कृति के दबे-कुचले, शर्मीले और संकोची स्वभाव का है तो वहीं दूसरी तरफ महानगरों की टीनएज में कदम रखती नवयौवना बर्हिमुखी और खुले दिमाग वाली लड़की है.
‘प्यार आदमी को कबूतर बना देता है’
मानव के शब्दों में कहें तो “अगर हम प्रेम पर बात करें तो मैंने उसे पाया अपने जीवन में है पर उसे समझा अपने लिखे में है.”